
सुबह का समय और सड़क पर गाड़ियों का जमावड़ा। जोडरेल, पहले ही अपनी मीटिंग के लिए लेट हो रहा था। गैस स्टेशन से जैसे ही वह पेट्रोल भरवा कर निकलने लगा, तो उसकी गाड़ी का स्टीयरिंग अपने-आप ही लॉक हो गया। स्टेशन पर मौजूद कर्मचारियों ने किसी तरह से गाड़ी को वहां से हटाया। प्राथमिक निरिक्षण के बाद पता चला कि गाड़ी के इलेक्ट्रॉनिक और कंप्यूटर सर्किट में कोई समस्या है। गाड़ी महंगी और विदेशी थी, तो उसे सलाह दी गई कि इसे कंपनी की वर्कशॉप पर ही ले जाया जाए। सम्बंधित अधिकारी को फोन करके, जोडरेल ने उसे चाबियां दी और खुद पास ही में बने ट्रैन स्टेशन की ओर बढ़ गया।

भारत से ठीक उल्ट, अन्य पश्चिमी मुल्कों की तरह, अमेरिका में भी अधिकतर लोग रेलवे स्टेशन पर अपनी गाड़ियां पार्क करके, ट्रैन से जाना ज्यादा पसंद करते हैं। इसी वजह से ट्रैन का हर डिब्बा भरा हुआ लग रहा था। बहरहाल, जो डिब्बा जोडरेल के सामने आकर रुका, उसमें वह दाखिल हुआ।
अध्याय 1 - मुलाकात, जिसका फैसला किस्मत ने ले लिया था
जोडरेल का दफ्तर उस जगह से 7 स्टेशन आगे था। बैठने की जगह न होने के कारण, जोडरेल को भी यह सफर खड़े होकर ही तय करना था। उसी वक़्त उसकी नज़र सामने खड़ी एक बहुत ही सुन्दर सी लड़की पर पड़ी, जो उसकी तरफ ही देख रही थी। उसकी सादगी और खुले बालों ने जोडरेल का दिल पहली झलक में ही जीत लिया था।
जरूर पढ़े – पूरा समुद्र मेरे पास था, लेकिन फिर भी मैं प्यास से मरता रहा
कुछ पल इधर-उधर देखकर, जब भी जोडरेल की नजर उस पर पड़ती, तो वह लड़की उसी को देख रही होती थी। कुछ देर बाद वह लड़की उतर गई और भीड़ की वजह से जोडरेल यह जान ही नहीं पाया कि वह किस ओर गई। अपने स्टेशन पर उतरा, तो जोडरेल का फोन बजा। यह कार कंपनी से था।
वहां के विशेषज्ञ ने जोडरेल को बताया कि गाड़ी बनने में दो हफ्ते लग जाएंगे और वह उन्हें तब तक के लिए एक और गाड़ी भेज रहे हैं। इस पर जोडरेल ने उनसे कहा कि उसे गाड़ी की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके पास इंतजाम हैं। भले ही जोडरेल के घर 7-8 अन्य गाड़ियां खड़ी थी, लेकिन अब वो ट्रैन से ही सफर करना चाहता था।
अगले दिन, फिर उसने दूसरी गाड़ी ली, स्टेशन पर पार्क की और उसी ट्रैन पर दुबारा चढ़ा। भाग्यवश, उसे वह लड़की फिर वहीं मिली। दो-तीन दिन तक यही सिलसिला चलता रहा। फिर चौथे दिन, जोडरेल ने फैसला किया कि आज उस लड़की से जान-पहचान करनी ही है। दफ्तर में अपनी रिसेप्शनिस्ट को फोन करके अपने लेट होने का बोल दिया।
अध्याय 2 - पहली नज़र में ही प्यार हो गया था
आज जोडरेल भी उसी लड़की के पीछे उतर गया। जैसे ही स्टेशन पर उतरा, उसने देखा कि उस लड़की ने एक सफेद छड़ी निकली और उसे जमीन पर इधर-उधर हिला-हिला कर चलने लगी। वो, नेत्रहीन थी।

जोडरेल को उससे प्यार हो गया था। लेकिन, उस दिन उसे झटका लगा। अगले ही दिन, जोडरेल फिर उसके साथ ही उतरा और हिम्मत करके उससे बातचीत शुरू की। ऐलिस ने बताया वह जानती है कि जोडरेल कल भी उसके पीछे ही था। पूछने पर ऐलिस ने बताया कि भले ही वह देख नहीं सकती, पर वह जोडरेल द्वारा इस्तेमाल किए गए परफ्यूम की खुशबू को भूली नहीं है।
सिलसिला दोस्ती से गहरी दोस्ती की ओर बढ़ गया। एक दिन, बातों ही बातों में जोडरेल ने ऐलिस से पूछ ही लिया कि क्या वह बचपन से देख नहीं सकती या कोई हादसा हुआ था।
अध्याय 3 - जब रहस्य और झूठ साथ-साथ चल रहे थे
इस पर ऐलिस ने बताया कि एक हादसे में उसकी आँखों की रौशनी जाती रही, पर वह इलाज करवा रही है। उस दिन भी ऐलिस की डॉक्टर से मुलाकात थी। जोडरेल ने साथ चलने की ज़िद्द को ऐलिस मना नहीं कर पाई। जाँच के बाद, जोडरेल ने ऐलिस को बहाना बनाया कि उसे कोई जरूरी काम है, इसलिए उसे जाना पड़ेगा। जोडरेल ने ऐलिस से मिलने का वादा किया और दोनों अपने-अपने रास्ते चले गए।
लेकिन, जोडरेल उसी आँखों के डॉक्टर से अकेले में मिला। डॉक्टर से उसके केस के बारे में पूछने पर पता चला कि उसकी समस्या का पूर्ण रूप से इलाज है, पर ऐलिस के पास इतना पैसा नहीं है। जोडरेल ने, डॉक्टर से कहा कि पैसे वो दे देगा, आप ऐलिस की आँखों का इलाज करें। ऐलिस अगर पूछे कि पैसे कहाँ से आएं हैं, तो आप चैरिटेबल ट्रस्ट का नाम ले दीजिये।
जरूर पढ़े – भूतिया मकान की सच्ची कहानी – नवंबर 25 की वो सर्द रात
कुछ दिनों के बाद, ऐलिस का ऑपरेशन हो गया और वह पूरी तरह से देख पाने लगी थी। जोडरेल मन ही मन खुश था कि अब वह जल्दी ही ऐलिस के समक्ष शादी का प्रस्ताव रख देगा।
अध्याय 4 - दिल की वह बात, जो कभी जुबान तक आई ही नहीं
अगले ही दिन, दोनों ने एक रेस्टोरेंट में मिलना तय किया। आज जोडरेल पूरी तैयारी में था। जैसे ही ऐलिस पहुंची, तो जोडरेल ने पाया कि उसकी साँस फूली हुई थी।’
जोडरेल ने पूछा, तो ऐलिस ने बताया कि वह थोड़ी लेट हो गई थी, इसलिए उसे स्टेशन से थोड़ा भागना पड़ा। उनको बैठे हुए तकरीबन 30 मिनट से ज्यादा हो गए थे, पर ऐलिस की साँस ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही थी। अचानक, ऐलिस बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी। जोडरेल घबरा गया और उसने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई।

अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि ऐलिस हार्ट ट्रांसप्लांट की 1A लिस्ट की सबसे पहली दावेदार है। अमेरिका में 1A लिस्ट उन लोगों की होती है, जो प्रतीक्षा सूची में हैं और जिनके हार्ट ट्रांसप्लांट को तात्कालिकता के आधार पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। ऐलिस को दिल की बीमारी थी।
एक बार फिर, जोडरेल ने ऐलिस के लिए दिल की तलाश शुरू की। ऐलिस का ब्लड ग्रुप A2B था, जो कि बहुत ही कम लोगों का होता है। हृदय प्रत्यारोपण अर्थात हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए इस ब्लड ग्रुप का मिलना बहुत जरूरी है। इस वजह से, उसके लिए हार्ट ट्रांसप्लांट आसान नहीं था। अस्पताल ने उस समय ऐलिस को दाखिल करना जरूरी नहीं समझा और उसे कुछ दवाएं देकर छुट्टी दे दी।
जरूर पढ़े – विवेक का बयान – एक साहसिक फैसला जो आपकी ज़िन्दगी बदल दे
अगले दिन, जोडरेल ने इस बारे में अपने डॉक्टर से बात की और जोडरेल को पता चला कि उसका ब्लड ग्रुप भी A2B है। अपनी मोहब्बत को जिन्दा रखने के लिए, वह अपना दिल भी ऐलिस को दे देता, लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं था। खैर, कुछ रोज और गुजरने के बाद जोडरेल को एक अस्पताल से जवाब मिला। वहां पर, ऐलिस के लिए हृदय उपलब्ध था।
अध्याय 5 - उनकी मुलाकात की पीछे की असली वजह
लेकिन, जोडरेल को पता था कि ऐलिस बहुत ही स्वाभिमानी लड़की है और वह उसका प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेगी। जोडरेल ने सोचा कि क्यों न ऐलिस को शादी का प्रस्ताव दिया जाए और पत्नी बनने के बाद वह इंकार नहीं कर पाएगी।
लेकिन, अगले ही पल जोडरेल ने सोचा कि अगर ऐलिस ने उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया, तो क्या होगा।
इसी ख्याल से उसने अपनी रिसेप्शनिस्ट को फोन किया और उससे कहा कि वह ऐलिस को फोन करे और उससे कहे कि एक (फर्जी) प्रतियोगिता के अंतर्गत ऐलिस ने पहला पुरुस्कार जीता है। इनाम प्राप्त करने के लिए, उसे ऑफिस में बुलाए। जोडरेल ने सोचा अगर वह शादी के लिए मना कर भी देगी, तो भी उसे पुरुस्कार के बहाने वह वित्तीय मदद कर देगा।
फिर उसने, ऐलिस की देखरेख करने वाले डॉक्टर से बात की और उसे डोनर मिलने के बारे में बताया। उसने डॉक्टर से कहा कि दो दिन के बाद, आप ऐलिस को इस बारे में बता दें कि डोनर मिल गया है, अगर आप चाहती हैं, तो आपका हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
अगले ही दिन, जोडरेल ने ऐलिस को शादी का प्रस्ताव देने का फैसला किया। उसे कार स्टेशन से अपनी गाड़ी ली, कार की डिक्की को हार्ट शेप वाले गुब्बारों से भरा और हीरों की अंगूठी खरीदी। उसने ऐलिस को फोन किया और मिलने के लिए बुलाया। पर उसका जवाब सुनकर जोडरेल को ऐसा लग रहा था कि ऐलिस उससे भी ज्यादा आतुर है।

हाईवे पर ट्रैफिक की वजह से उसे समय लग रहा था और ऐलिस उसे बार-बार फोन कर रही थी। जोडरेल को महसूस होने लगा था कि ऐलिस उसके मन को पढ़ चुकी है। होटल के पास पार्किंग न मिलने की वजह से, जोडरेल ने थोड़ी दूर अपनी गाड़ी पार्क की। जैसे ही वह, होटल पहुंचा, तो ऐलिस उसका इंतज़ार कर रही थी। उसने पास की कुर्सी खींची और वह पास जाकर बैठ गया। अपने लेट होने की वजह बताने ही लगा था कि ऐलिस ने एक आदमी की ओर इशारा किया।
“जोडरेल, यह जॉन है, मेरे मंगेतर।”
जोडरेल अंदर से टूट गया था। पर उसने कोई इशारा नहीं दिया। उनको शादी के लिए मुंबारक दी। ऐलिस के पूछने पर जोडरेल ने झूठ बोल दिया कि उसकी कंपनी उसे जर्मनी भेज रही है, तो हो सकता है कि वह एक-दो साल न मिल पाएं।

लेकिन, फोन पर बात होती रहेगी। यह कह कर जोडरेल वह से अपनी गाड़ी को और बढ़ा।
जरूर पढ़े – सच्ची कहानी – बुरे वक़्त में आप लोगों के असली रंग को देख पाते हैं
फिर उसने अपनी रिसेप्शनिस्ट और डॉक्टर को फोन कर दिया। अगले ही पल रिसेप्शनिस्ट ने ऐलिस को पहला इनाम यानि कि $50000 जीतने की खुशखबरी दे दी।

उसके बाद ही डॉक्टर ने उसे हार्ट ट्रांसप्लांट की खबर दे दी। ऐलिस को लग रहा था कि किस्मत उस पर अचानक मेहरबान हो गई है। उसे हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए पैसे भी मिल गए, दिल भी मिल गया। अगले दिन, वह दाखिल हो गई और उसका सफल ऑपरेशन भी हो गया।

जब तक उसे हरी झंडी नहीं मिली थी, एक आदमी उसे एक संस्था का सदस्य बनकर रोज मिलने आता था। यह वही फर्जी संस्था थी, जिसे जोडरेल ने ऐलिस की आँखों के ऑपरेशन के लिए वित्तीय मदद देने के लिए बनाया था। लेकिन यह सच ऐलिस नहीं जानती थी।
हार्ट ट्रांसप्लांट के तकरीबन 6 महीने बाद अस्पताल से उसे हरी झंडी मिल गई। तब तक वह जोडरेल को तकरीबन भूल चुकी थी और हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद उसने जॉन से शादी भी कर ली थी।
अध्याय 6 - यह सब कुछ एक योजना के तहत हुआ था
एक शाम को ऐलिस ने टेलीविज़न चलाया। सभी चैनलों पर एक ही खबर चल रही थी। “एक सफल उद्यमकर्ता की हादसे में मौत।”
खबर आगे चली, तो खबर वालों ने कार की डिक्की से उड़ते हार्ट शेप वाले गुब्बारे दिखाने शुरू किए।

ऐलिस, जॉन से कह रही थी कि शायद यह व्यक्ति किसी को शादी के लिए प्रस्ताव देने जा रहा था। पर अवसोस, इसकी दर्दनाक मृत्यु हो गई। तभी स्क्रीन पर उस व्यक्ति की फोटो दिखाई गई और फोटो जोडरेल की थी। ट्रैन में सफर करने वाला वह शख्स, अमेरिका के गिने-चुने अमीरों में से एक था।
ऐलिस, यह जानकार अचंभित रह गई कि जिस आदमी से साथ वह घूमती थी, वह उसी के 1000 स्टोरों में से एक पर काम करती थी।
जोडरेल बहुत ही अमीर शख्स था, तो उसके जाने के बाद, उससे जुड़ी बीमा कंपनियों के लिए भी आफत आ गई थी। उन दिनों न्यूज़ चैनल पर एक बहस चल रही थी और एक मशहूर बीमा के अधिकारी इस बात पर बहस कर रहे थे कि हादसा गाड़ी में तकनीकी खराबी के कारण नहीं, बल्कि जानबुझ कर किया गया है। चालक ने खुद ही गाड़ी के स्टीयरिंग को लॉक किया और यह हादसा हो गया। इसलिए बीमा कंपनी को बीमा राशि देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
उस बहस में ऐलिस ने उसी शख्स को देखा, जो उसे संस्था का सदस्य बनकर अस्पताल में मिलने आता था। वह शख्स और कोई नहीं, जोडरेल का निजी सहायक था। यह हकीकत जानकार ऐलिस दंग रह गई।
जरूर पढ़े – पैसा और रिश्ते – एक ही सिक्के के दो पहलू
कुछ दिन बाद, एक शाम को, उसके घर की घंटी बजी और उसी संस्था का सदस्य ऐलिस से मिलने आया था। फूलों का गुलदस्ता देकर, वह वहां से जाना चाहता था, लेकिन ऐलिस खुद को रोक नहीं पाई। उसने उस आदमी से पूछा कि क्या जोडरेल ही वह शख्स है, जिसने उसकी आँखों का इलाज करवाया?

इस पर उस आदमी ने बताया कि सिर्फ आँखों का इलाज ही नहीं, उसके सीने में धड़कने वाला दिन भी जोडरेल का ही है। उसने बताया कि हादसे में, जोडरेल का दिमाग मर चूका था, लेकिन हृदय ठीक होने के कारण, उसकी मर्जी के हिसाब से (क्योंकि उसने बहुत पहले हृदय दान कर दिया था) ट्रांसप्लांट के लिए निकाल लिया गया था। वह जानता था कि तुम हार्ट ट्रांसप्लांट की 1A लिस्ट में सबसे पहली हो, तो यह हार्ट तुम्ही को मिलेगा।
भाग्यवश, मिला भी तुम्ही को।

जैसे ही वह आदमी वहां से गया, ऐलिस उन फूलों के गुलदस्तों को देखने लगी। उसमें एक पर्ची पड़ी थी। उस पर कुछ लिखा था।
क्या आपके पास भी कोई ऐसी कहानी है? हमसे साझा करें।