
उस दिन वेलेंटाइन डे था। जहाँ कई लव बर्ड्स अपने प्यार के घोसले बनाने मे व्यस्त थे, वहीं कुछ मेरे जैसी दुःखी आत्माएं दुःख भरे गाने सुनने मे व्यस्त थी।
कभी कभी जब मैं सड़क किनारे लगे हुए होर्डिंग्स देखता हूँ या फिर कोई अख़बार, पुस्तिका, पत्रिका देखता हूँ, तो यह सोच के हैरान होता हूँ कि क्यों यह सभी तथाकथित वशीकरण मंत्र और बाबा के विज्ञापनों से भरी रहती हैं।
निःसंदेह, अकेलापन किसी के भी जीवन का सबसे बड़ा शत्रु होता है। और कुछ ही लोग ऐसे नसीब वाले होते हैं, जो इस अकेलेपन से मुक्ति पाने मे कामयाब हो जाते हैं।
कई लोगो का मानना है कि आपको संतुष्टि और राहत तभी मिलेगी जब आपका कोई हमसफ़र होगा, जिससे आप अपने दर्द, राज और डर बाँट सकते हों। इस भावना को हम शब्द में अभिव्यक्त नहीं कर सकते। कोई हमसफ़र होने का मतलब कुछ लोगों के लिए उनकी जिंदगी के खाली स्थान को भरने जैसे होता है और कुछ लोगों तो इसे ही अपने जीने का मकसद बना लेते है।
वास्तविकता मे इसके पीछे कोई राज नहीं होता। और अगर आप अकेले हैं, तो आपको किसी तांत्रिक या ज्योतिष की जरूरत नहीं होती। बस आप अपने रवैये और बाह्य रूप पर थोडा सा काम कीजिये। समर्पण, समझदारी, और वफादारी वो गुण हैं, जो दुनिया की हर औरत अपने प्रेमी मे खोजती है।
हर इंसान को किसी खास व्यक्ति की तलाश रहती है, जो उसकी जिंदगी को ना सिर्फ प्यार के रंग से भरे, बल्कि उसके परिवार में अच्छा नसीब, ख़ुशी, और समृद्धि भी लाये।
मेरे पुरुष दोस्तो जरा मेरी बात समझने की कोशिश करो। आज भी अच्छे घर की भारतीय लड़कियाँ वन-नाइट स्टैंड या कैज्युअल एनकाउंटर्स जैसी आधारहीन बातों पर विश्वास नहीं करती। सच तो यह भी है कि हम मे से बहुत से लोग जिस संस्कृति को अपना मान बैठे हैं वह हमारी है ही नहीं। भारतीय लड़कियाँ चाहें कितने भी खुले विचारो वाली होने का दावा कर लें, पर आज भी उनकी प्राथमिकता दीर्घकालिक और ईमानदार रिश्ता बनाना ही होती है।
उनके लिए उनका परिवार ही सब कुछ होता है और उनके लिए उनकी पहली प्राथमिकता उनके परिवार की ख़ुशी होती है।
भारतीय लड़कियाँ अपनी पूरी जिंदगी उसी लड़के लिए समर्पित करती हैं, जिससे वह प्रतिबद्ध होती हैं। वे अपने जीवन साथी से सम्मान की उम्मीद रखती हैं।
वे अपने रिश्तों के प्रति वफादार होती हैं और वापसी मे खुद भी वफादारी की उम्मीद रखती हैं। वे जिससे शादी करती हैं, उससे स्नेह और भक्ति का अटूट बंधन बाँध लेती हैं।
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि पश्चिमी सभ्यता हमारे समाज मे बुरी तरह से फैल रही है और हमारे समाज मे “लिव-इन-रिलेशनशिप” जैसी प्रथाएं लोकप्रिय हो रही हैं।
लिव-इन जैसी लेन-देन वाली संबंधों में भावनाओं की कोई गुंजाइश ही नहीं बचती और जब ऐसे रिश्तों में छुपाने या बताने के लिए कुछ भी नहीं बचता, तो सामने वाला आपसे यही पूछता है कि तुम कौन हो? और जब चाहे झट से आप से रिश्ता तोड़ लेता है।
आखिरकार, आप किस चीज़ को प्राथमिकता देते है इसपर आपकी पूरी जिंदगी निर्भर रहती है। इस ऑनलाइन दुनिया में हर एक के लिए कुछ न कुछ होता है।आपको बस बाहर निकलना है और ढूँढना है। ऐसे कई अनगिनत वेबसाइट्स मौजूद हैं जहां पर आपको हर प्रकार के साथी मिलेंगे।
आप खुद का रवैया बदलें, दीघर्कालीन साथी की तलाश करें और अपनी जिंदगी घिनौनी होने से बचायें।